Details, Fiction and shiv chalisa in hindi
Details, Fiction and shiv chalisa in hindi
Blog Article
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी
शिव आरती
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
अगर आपको यह चालीसा पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!
अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच shiv chalisa lyricsl खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *
स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥